Status of women in India 2020 here you can read a reality of Indian women.
Tuesday, June 2, 2020
कन्या भ्रूण हत्या- Female infanticide and sex-selective abortion.
Thursday, May 14, 2020
Status of women in India - Domestic violence
शारीरिक दुर्व्यवहार अर्थात शारीरिक पीड़ा, अपहानि या जीवन या अंग या स्वास्थ्य को खतरा या लैगिंग दुर्व्यवहार अर्थात महिला की गरिमा का उल्लंघन, अपमान या तिरस्कार करना या अतिक्रमण करना या मौखिक और भावनात्मक दुर्व्यवहार अर्थात अपमान, उपहास, गाली देना या आर्थिक दुर्व्यवहार अर्थात आर्थिक या वित्तीय संसाधनों, जिसकी वह हकदार है, से वंचित करना,मानसिक रूप से परेशान करना ये सभी घरेलू हिंसा कहलाते हैं।
इस क़ानून के तहत घरेलू हिंसा के दायरे में अनेक प्रकार की हिंसा और दुर्व्यवहार आते हैं। किसी भी घरेलू सम्बंध या नातेदारी में किसी प्रकार का व्यवहार, आचरण या बर्ताव जिससे (१) आपके स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, या किसी अंग को कोई क्षति पहुँचती है, या (२) मानसिक या शारीरिक हानि होती है, घरेलू हिंसा है।
इसके अलावा घरेलू सम्बन्धों या नातेदारी में, किसी भी प्रकार का
- शारीरिक दुरुपयोग (जैसे मार-पीट करना, थप्पड़ मारना, दाँत काटना, ठोकर मारना, लात मारना इत्यादि),
- लैंगिक शोषण (जैसे बलात्कार अथवा बलपूर्वक बनाए गए शारीरिक सम्बंध, अश्लील साहित्य या सामग्री देखने के लिए मजबूर करना, अपमानित करने के दृष्टिकोण से किया गया लैंगिक व्यवहार, और बालकों के साथ लैंगिक दुर्व्यवहार),
- मौखिक और भावनात्मक हिंसा ( जैसे अपमानित करना, गालियाँ देना, चरित्र और आचरण पर आरोप लगाना, लड़का न होने पर प्रताड़ित करना, दहेज के नाम पर प्रताड़ित करना, नौकरी न करने या छोड़ने के लिए मजबूर करना, आपको अपने मन से विवाह न करने देना या किसी व्यक्ति विशेष से विवाह के लिए मजबूर करना, आत्महत्या की धमकी देना इत्यादि),
- आर्थिक हिंसा ( जैसे आपको या आपके बच्चे को अपनी देखभाल के लिए धन और संसाधन न देना, आपको अपना रोज़गार न करने देना, या उसमें रुकावट डालना, आपकी आय, वेतन इत्यादि आपसे ले लेना, घर से बाहर निकाल देना इत्यादि), भी घरेलू हिंसा है।
व्यथित व्यक्ति के अधिकार
- पीड़ित इस कानून के तहत किसी भी राहत के लिए आवेदन कर सकती है जैसे कि - संरक्षण आदेश,आर्थिक राहत,बच्चों के अस्थाई संरक्षण (कस्टडी) का आदेश,निवास आदेश या मुआवजे का आदेश
- पीड़ित आधिकारिक सेवा प्रदाताओं की सहायता ले सकती है
- पीड़ित संरक्षण अधिकारी से संपर्क कर सकती है
- पीड़ित निशुल्क क़ानूनी सहायता की मांग कर सकती है
- पीड़ित भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत क्रिमिनल याचिका भी दाखिल कर सकती है, इसके तहत प्रतिवादी को तीन साल तक की जेल हो सकती है, इसके तहत पीड़ित को गंभीर शोषण सिद्ध करने की आवश्यकता हैl
Sunday, April 26, 2020
Status of women in india - Education
आज हम आपको भारत में महिलाओं की शिक्षा की स्तिथि के बारे में बताएँगे | इसे हम दो भागो में समझेंगे
पहला ग्रामीण क्षेत्र दूसरा शहरी क्षेत्र भारत की ७०% जनसँख्या ग्रामीण इलाकों में निवास करती है और मुख्य व्यवसाय कृषि है उसी से ही उनका जीवन यापन होता है भारतीय कृषि मानसून पर निर्भर करती है जिससे उनकी आय मानसून पर निर्भर करती है |
भारत में पितृसत्तात्मक शैली का प्रचलन है और पुत्र को वरीयता दी जाती है चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो इसलिए उनकी शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया जाता है परन्तु समय के अनुसार काफी बदलाव हुआ है अब महिलाओं को भी शिक्षा प्रदान की जाती है परन्तु कम आय होने के कारण आज भी उन्हें उच्च शिक्षा से वंचित रखा जाता है बारहवी के बाद उनका विवाह कर दिया जाता है परन्तु मेरा ऐसा मानना है की उन्हें भी उच्च शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि उन्हें भी समान अधिकार मिले उच्च शिक्षा से वो भी रोजगार को प्राप्त करेंगी और समाज को आगे बढ़ने में मदद करेंगी ऐसा देखा गया है की घर की जिम्मेदारी पति की होती है पति की मृत्यु के बाद महिलाये बेबस और लाचार हो जाती है उन्हें दर दर की ठोकर खानी पड़ती है अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी के लिए न तो परिवार साथ देता है और न ही रिस्तेदार इसलिए महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरुरी है और रोजगार परक शिक्षा दी जाय तो ज्यादा बेहतर होगा उनके बेहतर भविष्य के लिए | ग्राफ देखें
शहरी क्षेत्रों में काफी हद तक सुधार हुआ है और उनकी साक्षरता में वृद्धि देखी गयी है लोगों में जागरूकता और संसाधनों की पूर्ति की वजह से उनको उच्च शिक्षा मिल जाती है और रोजगार के लिए भी संसाधन उपलब्ध है वही गावो की बात करें तो उच्च शिक्षा के लिए घर से काफी दूर जाना पड़ता है और रोजगार की स्तिथि बहुत ही दयनीय है पुरषों को रोजगार के लिए दूसरी जगह पर जाना पड़ता है १००० मील दूर परिवार से अलग | ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए ये असंभव जैसी बात है क्यूंकि सुरक्षा की दृष्टि से भी सही नहीं है अकेले रहकर नौकरी कर पाना | जो महिलाएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर लेती है उनकी सबसे बड़ी समस्या रोजगार की होती है ग्रामीण क्षेत्रों में |
महिलाओं को शिक्षित करने से न एक सभ्य परिवार का निर्माण होता है बल्कि एक सभ्य समाज का भी निर्माण होता है हर क्षेत्रो में पुरुष ही प्रधान बनकर नेतृत्व करते थे परन्तु आज महिलाएं भी प्रधान बनकर नेतृत्व कर रही है और पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है महिलाओं के शिक्षा प्राप्त करने से उनमे हौंसला बढ़ता है ,आत्मविश्वास बढ़ता है और वो आत्मनिर्भर बनती है महिलाओं को खुद की बातें प्रस्तुत करने का मौका मिलता है। वो समाज के सामने आकर अपनी बातें रखती है जिससे समाज में नये नए बदलाव आते है महिलाओं के शिक्षित होने से अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। क्यूंकि जिस प्रकार आज शहर की लड़कियां हर छेत्र में अपना वर्चस्व दिख रही है चाहे वह रेल हो या खेल हो , फिल्म हो या राजनीति, स्कूल हो या अस्पताल। ठीक उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों को भी मौका मिलना चहिये ये बात उनके माता पिता को समझनी चाहिए और सरकार को भी नए नए योजनाओं के माध्यम से उन्हें आर्थिक मदद करनी चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्र की लड़किया इस कारन भी नहीं पढ़ पाती है की वह पर स्कूलों में महिला अध्यापिकाओं की कमी होना जिसके कारन वो अपनी समस्या को खुलकर नहीं बता पाती , लड़कियों के लिए अलग स्कूल पर जोर दिया जाना चहिए और उनकी शिक्षा रोजगार परक होनी चाहिए।
कुछ लड़कियां इसलिए भी नहीं पढ़ती है की पढ़ लिख कर होगा क्या करना तो घर का काम ही है तो उनकी सोंच सीमित हो जाती है और वो स्कूल ही नही जाती और उनके माँ बाप भी इसी सोंच के साथ नहीं जाने देते। ग्रामीण क्षेत्रं में ये समस्या आज भी बिकराल रूप धारण किये हुए है सबको शिक्षा का अधिकार है इसलिए इस सोंच को बदलना होगा कि बेटिया पढ़ लिख कर क्या करेंगी। पढ़ेगी बेटियाँ तो बढ़ेंगी बेटियां
धन्यवाद
......................................................................................................................................................................
Tuesday, April 14, 2020
Status of women in india -Dowry दहेज़ प्रथा
आज हम आपको एक ऐसी प्रथा के बारे में बताएँगे जिसके बारे में लिखते हुए मुझे खुद बड़ी असहजता हो रही है की आधुनिक भारत में भी इस कुप्रथा का अंत नही हो पाया है | परन्तु हमारे सभ्य समाज के लोग इसे अपनी झूठी शान समझते है और इसको बढ़ावा दे रहे है |
दहेज़ प्रथा- यह एक ऐसी प्रथा है जो की समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है इस प्रथा में एक पिता को अपनी पुत्री के विवाह के लिए लड़के को दी गयी धनराशी और दैनिक उपयोग की वस्तुए तथा अनमोल रत्न जिसमे सोना, चाँदी और हीरे जेवरात शामिल है इत्यादि देना पड़ता है चाहे वह किसी भी आय वर्ग में आता हो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव माध्यम वर्गीय और निम्न वार्गीय परिवार पर पड़ता है |
दहेज़ प्रथा के इतने भयंकर परिणाम है की शादी के बाद लड़की की हत्या तक कर दी जाती है और उसे कई प्रकार की यातनाये सहनी पड़ती है जिससे परेशांन होकर वो खुद आत्महत्या कर लेती है जबकि भारत सरकार ने इसके खिलाफ कड़े कानून बनाये हुए है फिर भी लोगों में जरा सा भय नही है हमारे देश में ९०% लोगो को अपनी लड़की के विवाह के लिए दहेज़ देना पड़ता है |
यह एक मानक प्रणाली के रूप में देखा जाता है जिस आय वर्ग में आपको शादी करनी है उसके अनुसार आपको दहेज़ देना होगा | जबकि इसका मानक बदलकर लड़की और लड़के की शिक्षा और उसके गुणों के आधार पर होना चाहिए |
भारत में हर घंटे या तो किसी की दहेज़ के वजह से यातनाये झेलनी पड़ती है या उसकी मृत्यु हो जाती है कितनी दुःख की बात है की इस आधुनिक और शिक्षित समाज में भी इस तरह की बुराइयां ब्याप्त है हम सभी को इस तरह की सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की शुरुवात करनी चाहिए देश के कुछ हिसों में इसका आरम्भ हो चुका है इस लेेख के माध्यम से आप लोगों से गुजरिह करता हूँ की न दहेज लें न दहेज़ दें |
अगर कोई एक व्यक्ति भी इस लेख को पढ़कर ऐसा कदम उठाता है देश हित और सामाजिक सुधार में तो मेरा लिखना सार्थक हो जायेगा
रोहित पाण्डेय
धन्यवाद्
please must share
...................................................................................................................................................................
Dear reader,
Today we will tell you about a practice about which I am very uncomfortable writing that even in modern India, this practice has not come to an end. But the people of our civilized society consider it as their false pride and are promoting it.
Dowry System - This is a practice that is not taking the name of the termination. In this practice, the money given to a father for the marriage of his daughter and the items of daily use and precious gems containing gold, silver and diamond jewelry. It has to be included etc. Whether it comes in any income group, it has the most impact on the middle class and the lower class.
The dowry system has such terrible consequences that even after marriage the girl is killed and she has to suffer many kinds of torture, which causes her to commit suicide herself, despite being persecuted by the Indian government. There is no fear at all in our country 90% of the people have to pay dowry for their girl's marriage.
This is seen as a standard system, according to which income group you have to marry, you have to pay dowry. Whereas its standard should be changed based on education of girl and boy and its qualities.
Every hour in India, either due to dowry, one has to face torture or death, it is a matter of sad that such evils are enough in this modern and educated society. The country should begin to finish it, in some respects it has started, through this test, you ask people not to take dowry or give dowry.
If any one person takes such a step by reading this article, in the interest of the country and social reform, then my writing will be meaningful.
Some important things that we need to change in our society, make our daughters educated and self-sufficient so that they depend on themselves.
There are many evils that are still alive in the society that we need to end, for this we need to form a group so that going to the rural areas and making them aware, a nationwide awareness campaign is needed for this. Many social workers are alone Because of this, in the coming time, people of my group and I will start an awareness campaign on all these social issues.
You will be informed about this soon.
One step towards social reform
Rohit Pandey
Thank you
Any suggestion please comment please must share
Sunday, April 5, 2020
Covid 19
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वाहन पर देश की सभी महिलाओं ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक साथ मिलकर नौ बजे दीप प्रज्वलित किया | जिसमे लगभग सौ करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया | घर पर रहे , सुरक्षित रहें |
धन्यवाद
...................................................................................................................................................................
Dear reader,
Today, on the call of Prime Minister Narendra Modi, all the women of the country got together to fight the corona virus and lit the lamp at nine o'clock. In which about hundred crore people participated. Stay at home stay safe
Thank you
Saturday, April 4, 2020
Status of women in India 2020- historical Riwaz
आज आपको हम भारत में प्रचलित कुछ ऐतिहासिक प्रथाओं के बारे में बताएँगे | जैसे की सती प्रथा ,जौहर ,पर्दा प्रथा ,देवदासी प्रथा |
सती प्रथा- ये प्रथा मध्यकालीन समय में प्रचलित थी जिसमे पति की मृत्यु के बाद पत्नी को उसके अंतिम संस्कार के समय अपने प्राणो की आहुति देनी पड़ती थी परन्तु आज ये प्रथा पूर्ण रूप से बंद हो चुकी है |
जौहर - यह प्रथा राजपूत समाज में काफी प्रचलित थी युद्ध के दौरान सभी हारे हुए योद्धाओं की पत्नियों और बेटियों के द्वारा शत्रु के द्वारा बंदी बनाये जाने और यौन उत्पीड़न से बचने के लिए स्वैच्छा से प्राणो की आहुति देना जौहर कहलाता था परन्तु आज लोकतंत्र होने की वजह से ये समाप्त हो गया है |
देवदासी प्रथा - ये प्रथा दक्षिण भारत में प्रचलित थी जहा पर महिलाओं की शादी मंदिर के देवताओं से की जाती थी परन्तु उनका शोशण किया जाने लगा और आज के समय में ये बंद हो गया है |
पर्दा प्रथा - यह एक ऐसी प्रथा है जो कि आज भी प्रचलित है इस प्रथा में महिलाएं अपने चेहरे को पूर्ण रूप से ढक कर रहती है ग्रामीण इलाकों में इसका प्रचलन आज भी बड़े पैमाने पर है यह मुस्लिम और हिन्दू दोनों धर्मों में है धर्म गुरुओं के कारन इस कुरीति का समाप्ति नहीं हो पा रही है कही न कही यह उनके स्वतंत्रता को भी बाधित करता है सामाजिक जागरूकता ही इसको समाप्त कर सकता है पर्दा प्रथा महिलाओं की क्रियाकलापों को बाधित करता है इस प्रथा से उनके अधिकारों का हनन होता है सभी को खुलकर जीने का अधिकर है मैं सभी लोगों से यही कहना चाहूंगा की इस प्रथा को और न बढ़ाएं | उदाहरण के लिए छायाचित्र जरूर देखे |
धन्यवाद
...................................................................................................................................................................
Dear reader,
Today we will tell you about some historical practices prevalent in India. Such as Sati system, Jauhar, Parda system, Devadasi system.
Sati system- This practice was prevalent in the medieval times in which after the death of the husband, the wife had to sacrifice her life at the time of her funeral, but today this practice has completely stopped.
Jauhar - This practice was quite prevalent in the Rajput society. Wives and daughters of all the defeated warriors during the war, voluntarily sacrificing their lives to keep them captive by the enemy and to avoid sexual harassment, were called Jauhar but today democracy Because it is finished.
Devadasi system - This practice was prevalent in South India, where women were married to the Gods of the temple, but they started being exploited and today it has stopped.
Parda system - This is a practice that is still practiced today, in this practice women keep their face fully covered and in rural areas it is still prevalent in large scale, it is in both Muslim and Hindu religions. Due to this, this evil practice is not going to end anywhere or it also hinders their freedom, only social awareness can end it.Curtain system impedes the activities of women; This practice violates their rights. Everyone has the right to live freely. I would like to say to all people that this practice should not be increased further. For example, you must see the photographs.
Thank you
Status of women in India - Child Marriage
There was a time when the situation of women in India was quite considerable, whether it was rural areas or urban areas, women had to face a lot of problems everywhere. Due to some malpractices and lack of education, they did not get equal rights. Child marriage was a big problem in them, saying that time is very strong. Over time there was a change in our country and child marriage completely stopped. Government and non-governmental organizations played an important role in this, today's situation is very good, women are free from this evil practice.The consequences of child marriage were very terrible, becoming a mother at young age due to which she could not get higher education and had to spend her entire life in home affairs.
Dear reader, if there are any such evils in your country, then please tell in the comments. Must see the photocopy for example.
Thank you