Tuesday, April 14, 2020

Status of women in india -Dowry दहेज़ प्रथा

प्रिय पाठक ,

आज हम आपको एक ऐसी प्रथा के बारे में बताएँगे जिसके बारे में लिखते हुए मुझे खुद बड़ी असहजता हो रही है की आधुनिक भारत में भी इस कुप्रथा का अंत नही हो पाया है | परन्तु हमारे सभ्य समाज के लोग इसे अपनी  झूठी शान समझते है और इसको बढ़ावा दे रहे है |

दहेज़ प्रथा- यह एक ऐसी प्रथा है जो की समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है इस प्रथा में एक पिता को अपनी पुत्री के विवाह के लिए लड़के को दी गयी धनराशी और दैनिक उपयोग की वस्तुए तथा अनमोल रत्न जिसमे सोना, चाँदी और  हीरे जेवरात शामिल है इत्यादि देना पड़ता है चाहे वह किसी भी आय वर्ग  में आता हो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव माध्यम वर्गीय और निम्न वार्गीय परिवार पर पड़ता है |


दहेज़ प्रथा के इतने भयंकर परिणाम है की शादी के बाद लड़की की हत्या तक कर दी जाती है और उसे कई प्रकार की यातनाये सहनी पड़ती है जिससे परेशांन होकर वो खुद आत्महत्या कर लेती है जबकि भारत सरकार ने इसके खिलाफ कड़े कानून बनाये हुए है फिर भी लोगों में जरा सा भय नही  है हमारे देश में ९०% लोगो को अपनी लड़की के विवाह के लिए दहेज़ देना पड़ता है |

यह एक मानक प्रणाली के रूप में देखा जाता है जिस आय वर्ग में आपको शादी करनी है उसके अनुसार आपको दहेज़ देना होगा | जबकि इसका मानक बदलकर लड़की और लड़के की शिक्षा और उसके गुणों के आधार पर होना चाहिए |

भारत में हर घंटे या तो किसी की दहेज़ के वजह से यातनाये झेलनी पड़ती है या उसकी मृत्यु हो जाती है कितनी दुःख की बात है की इस आधुनिक और शिक्षित समाज में भी इस तरह की बुराइयां ब्याप्त है हम सभी को इस तरह की सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की शुरुवात करनी चाहिए देश के कुछ हिसों में इसका आरम्भ हो चुका है इस लेेख के माध्यम से आप लोगों से गुजरिह करता हूँ की न दहेज लें न दहेज़ दें | 

अगर कोई एक व्यक्ति भी इस लेख को पढ़कर ऐसा कदम उठाता है देश हित और सामाजिक सुधार में तो मेरा लिखना सार्थक हो जायेगा

कुछ महत्वपूर्ण बातें जो की हमे अपने समाज में बदलने की जरुरत है अपनी बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाये ताकि वो अपने आप पर निर्भर हो |  
ऐसी कई कुरीतियां है जो आज भी समाज में जीवित है जिसे हमे समाप्त करने की आवश्यकता है इसके लिए एक समूह बनाने की जरूरत है ताकि ग्रामीण इलाकों में जाकर उन्हें जागरूक किया जाय इसके लिए देशव्यापी जागरूकता अभियान की जरुरत है कई समाज सेवी लोग अकेले होने की वजह से ये कार्य नई कर पाते आने वाले समय में मैं और मेरे समूह के लोग इन सभी सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाएंगे 
आपको जल्द ही इसके बारे में सूचित किया जायेगा | 

एक कदम समाज सुधार की ओर 
रोहित पाण्डेय 
 धन्यवाद्



                                                                                                                                                                                                                                                                                                        please must share
...................................................................................................................................................................

Dear reader,



Today we will tell you about a practice about which I am very uncomfortable writing that even in modern India, this practice has not come to an end. But the people of our civilized society consider it as their false pride and are promoting it.



Dowry System - This is a practice that is not taking the name of the termination. In this practice, the money given to a father for the marriage of his daughter and the items of daily use and precious gems containing gold, silver and diamond jewelry. It has to be included etc. Whether it comes in any income group, it has the most impact on the middle class and the lower class.




The dowry system has such terrible consequences that even after marriage the girl is killed and she has to suffer many kinds of torture, which causes her to commit suicide herself, despite being persecuted by the Indian government. There is no fear at all in our country 90% of the people have to pay dowry for their girl's marriage.


This is seen as a standard system, according to which income group you have to marry, you have to pay dowry. Whereas its standard should be changed based on education of girl and boy and its qualities.



Every hour in India, either due to dowry, one has to face torture or death, it is a matter of sad that such evils are enough in this modern and educated society. The country should begin to finish it, in some respects it has started, through this test, you ask people not to take dowry or give dowry.


If any one person takes such a step by reading this article, in the interest of the country and social reform, then my writing will be meaningful.



Some important things that we need to change in our society, make our daughters educated and self-sufficient so that they depend on themselves.

There are many evils that are still alive in the society that we need to end, for this we need to form a group so that going to the rural areas and making them aware, a nationwide awareness campaign is needed for this. Many social workers are alone Because of this, in the coming time, people of my group and I will start an awareness campaign on all these social issues.

You will be informed about this soon.


One step towards social reform

Rohit Pandey

 Thank you


                                                                                                                                                                   
 Any suggestion please comment                                                                             please must share                                                                                                                                                                  

2 comments: